आस्था, संस्कृति और एकता का संगम 'महाकुंभ मेला 2025' 13 जनवरी से शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि ये 144 साल बाद वाला महाकुंभ है। जिस वजह से इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है।
ऐसे में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं। मान्यताओं अनुसार महाकुंभ में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही मनुष्य को उसके सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। बता दें महाकुंभ मेला 26 फरवरी तक लगा रहेगा।
धार्मिक मान्यताओं अनुसार कुंभ में गंगा स्नान करना अमृपान के समान माना जाता है। कहते हैं इस दौरान पवित्र स्नान करने से मनुष्य को उसके समस्त पापों से छुटकारा मिल जाता है। साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है।
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।। कुंभ में स्नान करते समय श्रद्धालुओं को इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।। कुंभ में स्नान करते समय श्रद्धालुओं को इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
धर्म ग्रंथों अनुसार महाकुंभ में किया गया गंगा स्नान न सिर्फ मनुष्य के पाप नष्ट करने की क्षमता रखता है, बल्कि ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव से भी मुक्ति प्रदान करता है।
वैसो तो आप कुंभ मेले में किसी भी समय स्नान कर सकते हैं। लेकिन अगर कुंभ स्नान के सबसे शुभ समय की बात की जाए तो वो ब्रह्म मुहूर्त का समय माना जाता है। ब्रह्म मुहूर्त रात्रि प्रहर के बाद और सूर्योदय से ठीक पहले का समय होता है। आमतौर पर सुबह 4 बजे से लेकर 5 बजकर 30 मिनट के बीच तक का समय ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है।